A Thursday Review: एक कसी हुई कहानी है होस्टेज ड्रामा 'अ थर्सडे'

A Thursday Review 'अ थर्सडे' के बाद बहजाद को एक बेहतरीन निर्देशक माना जाना चाहिए. पुलिस ड्रामा, होस्टेज ड्रामा जैसे विदेशी कॉन्सेप्ट्स का भारतीयकरण करने में बहज़ाद ने काफी मेहनत की है. कहानी की रफ़्तार पूरे समय बनी रही है. फिल्म में गानों की गुंजाईश नहीं थी लेकिन कैज़ाद का म्यूजिक बेहतर हो सकता था. यूरोपियन फील का म्यूजिक, भारतीय फिल्म में जांचने की कोशिश की गयी है. फिल्म इन सब के बावजूद अच्छी है, देखने लायक है. फिल्म का आखिरी सीन बहुत देर तक दिमाग पर चलता रहता है. देखिये ज़रूर.

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