लेखक और निर्देशक जब दर्शकों को मूर्ख समझते हैं और ये उम्मीद करते हैं कि लिखते या निर्देशित करते समय उन्हें जितना रोमांच महसूस हुआ होगा उतना ही दर्शकों को भी होगा, तो ब्रेज़न जैसी फिल्म बनती है. नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होने की वजह से इसको देखने वाले लाखों में होंगे मगर पसंद करने वाले शायद ही कुछ हज़ार. न ठीक से रोमांटिक थ्रिलर बन पायी और न ही मर्डर मिस्ट्री, ब्रेज़न को देखना यानी सरदर्द को आमंत्रित करने जैसा है और खुद को मूर्ख साबित करने जैसा है.
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